किसान आंदोलन उतराखंड : पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद दिल्ली रवाना हुए सैंकड़ों किसान
.रुड़की :उत्तराखंड के रुड़की में भारतीय किसान यूनियन रोड़ गुट के बैनर तले बड़ी संख्या में किसान दिल्ली कूच कर गए और पुलिस को भनक तक नहीं लगी। इससे पहले किसान गंगनहर किनारे स्थित प्रशासनिक भवन में जमा हुए थे। दोपहर करीब 12 बजे किसान प्रदर्शन करते हुए दिल्ली की ओर निकले तो आधा किमी किमी दूर गणेशपुर पुल पर तैनात भारी पुलिस बल ने बैरिकेड लगाकर किसानों को आगे बढ़ने से रोक दिया।
इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने किसानों से वार्ता की। वहीं, पुलिस ने अधिकांश किसानों को समझाकर लौटा दिया, लेकिन दोपहर बाद प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ कई किसान दोबारा प्रशासनिक भवन पहुंचे और करीब एक दर्जन गाड़ियों से दिल्ली रवाना हो गए।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार सुबह करीब 11 बजे भारतीय किसान यूनियन रोड़ गुट के प्रदेश उपाध्यक्ष पद्म सिंह रोड़ के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान प्रशासनिक भवन पर एकत्र हुए। इस दौरान किसानों को संबोधित करते हुए रोड़ ने कहा कि अभी किसानों ने अपनी एक प्रतिशत भी ताकत नहीं दिखाई है। सरकार ने केवल किसानों का धैर्य ही देखा है। जिस दिन यह टूट गया, केंद्र सरकार जड़ से उखड़ जाएगी।
उन्होंने कहा कि किसान हितों की दुहाई देने वाली भाजपा सरकार ने किसानों को अमीरों का गुलाम बनाने की साजिश रची है, लेकिन अब किसान जाग गया है और सरकार की इस मंशा को पूरा नहीं होने देगा। जिलाध्यक्ष नाजिम अली ने कहा कि केंद्र सरकार किसान हितों का दिखावा कर रही है।
कृषि कानून गुपचुप ढंग से लाए गए। एक महीने से किसान ठंड में सड़कों पर पड़ा है, लेकिन सरकार को फिक्र नहीं है। इससे साबित होता है कि केंद्र सरकार किसान विरोधी है। जब तक कृषि कानून रद्द नहीं होते, किसान आंदोलन से पीछे नहीं हटेगा।
इसके बाद किसान गंगनहर पटरी से प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़े तो गणेशपुर पुल से हाईवे पर चढ़ने से पहले ही यहां तैनात भारी पुलिस बल ने किसानों को बैरिकेड लगाकर रोक दिया। आगे बढ़ रहे किसानों की पुलिस के साथ नोकझोंक भी हुई। किसानों के बीच पहुंचे तहसीलदार नंदन कुमार ने ज्ञापन लिया और कोतवाली प्रभारी राजेश साह ने किसानों को समझाबुझाकर शांत किया। इसके बाद अधिकांश किसानों को लौटा दिया गया, लेकिन प्रदेश उपाध्यक्ष पद्म सिंह रोड़ के साथ कई किसान फिर से इकट्ठा हुए और 10-12 गाड़ियों में दिल्ली के लिए कूच किया। दोपहर बाद करीब 80 किसान गाड़ियों में सवार होकर दिल्ली रवाना हो गए।
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