किसान आंदोलन: करनाल के 9 गांवों में BJP तथा सहयोगी JJP नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध
करनाल : किसान आंदोलन के चलते करनाल के इंद्री में भाजपा और जेजेपी नेताओ की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं. इन्द्री हलके के 9 गांव के किसानों ने भाजपा-जजपा नेताओं बहिष्कार कर दिया है. यहां पर भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने एकत्रित होकर एक मींटिग कर अपने गांव में बीजेपी व जेजेपी नेताओं का बहिष्कार करके गांव घुसने पर रोक लगा दी है. बता दें कि यह फैसला उपस्थित सभी ने एकजुट होकर लिया है. गांव वासियों ने एक बैनर भी गांव के मुख्य द्वार पर लगाया जिसमें लिखा है कि बीजेपी व जेजेपी नेताओं का गांव में आना मना है.
किसानों ने बताया कि देश के किसान इतनी भारी संख्या में पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर सडक़ों पर बैठे हुए हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. लगभग 100 से भी ज्यादा किसान अपनी जान गंवा बैठे हैं लेकिन सरकार ने उनके प्रति संवेदना व्यक्त तक नहीं की है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने इन तीनों काले कानूनों को वापिस लेकर किसानों के चेहरों पर खुशी लाने का काम करे.
किसान आंदोलन को मजबूर करने की रणनीति
बता दें कि इंद्री के गांव भादसो के ग्राम सचिवालय में नौ गांवों के किसानों की पंचायत हुई. पंचायत में किसानों ने आंदोलन को मजबूत करने की रणनीति पर विचार करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. पंचायत की अध्यक्षता करते हुए किसान नेता आत्मप्रकाश ने कहा कि हम किसान आंदोलन को तोड़ने की सरकार की कोई भी साजिश कामयाब नहीं होने देंगे और मांगे नहीं माने जाने तक आंदोलन जारी रखेंगे.
हर हाल में जीतेंगे लड़ाई
आत्मप्रकाश ने कहा कि अब हर गांवों से क्रम अनुसार ट्रैक्टर ट्रालिया आंदोलन में राशन लेकर आते जाते रहेंगे. पंचायत में भादसों, बीड़ रैयतखाना, रैयतखाना, हैबतपुर, श्रवण माजरा, उड़ाना, खेड़ी जाटान, बीड़ भादसों व रामपूरा गांव के किसान प्रतिनिधि शामिल हुए. किसान नेता आत्मप्रकाश ने कहा कि किसान अपने हकों की लड़ाई हर हाल में जीतेंगे.
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