एक ही दिन में तेंदुए के दो हमलों से सहमे ग्रामीण, एक महिला को घर से खींचकर बनाया निवाला
पिथौरागढ़ : उत्तराखंड में एक बार फिर तेंदुए के हमले ने लोगों थर्रा दिया है. यहां के पिथौरागढ़ जिले में तेंदुए के हमले की दो अलग- अलग घटनाओं में एक महिला की मौत हो गई. तेंदुए के हमले से एक व्यक्ति घायल हो गया. तेंदुआ अचानक महिला को उसके घर में घुसकर आंगन से खींच ले गया. ग्रामीण इसके बाद उसके पीछे दौड़े, लेकिन काफी दूर जाकर उन्हें महिला का शव मिला है. इस घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत है. वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए को पकडऩे के लिए जाल बिछाया है लेकिन उसे पकड़ा नहीं जा सका है. एक्सपर्ट उसे खोजने के लिए जंगल में घूम रहे हैं.
उत्तराखंड में जंगली जानवरों के खतरे को लेकर ग्रामीण दहशत में रहते हैं. इस बार तेंदुए के हमले में एक महिला की फिर मौत से ग्रामीणों में डर और गुस्सा दोनों दिख रहा है. डीडीहाट के रेंज अधिकारी पूरन सिंह देउपा ने बताया कि देवलथल इलाके की रहने वाली कापरीगांव ग्राम की 46 वर्षीय कलावती देवी अपने घर के आंगन में काम कर रही थीं तभी तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें वहां से घसीटते हुए ले गया. उन्होंने बताया कि बाद में ग्रामीणों ने महिला के घर से आधा किलोमीटर दूर उनका क्षत विक्षत शव बरामद किया. इस घटना के बाद ग्रामीण इलाकों में तेंदुआ को लेकर दहशत का माहौल है. वन विभाग की ओर से भी लोगों को आगाह कर दिया गया है.
दूसरी घटना पिथौरागढ़ वन खंड में हुई. बृहस्पतिवार सुबह 57 वर्षीय राजेंद्र सिंह मेहता थल बाजार जा रहे थे, तभी उन पर तेंदुए ने हमला कर दिया, हालांकि लोगों के शोर मचाने के बाद तेंदुआ जंगल में भाग गया. मेहता को गर्दन और पीठ पर जख्म लगे हैं. उनका इलाज चल रहा है और वह खतरे से बाहर हैं. स्थानीय लोग तेंदुए को मारने की मांग कर रहे हैं. एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि पिछले 24 घंटे में इन दो हमलों की वजह से इलाके में दहशत फैल गई है. उन्होंने बताया, ‘‘ पिछले महीने ही देवल थल के रिन बिचुल गांव में एक तेंदुए को वन विभाग ने मार दिया था लेकिन फिर भी हमले नहीं रूके हैं.'' पिथौरागढ़ वन खंड के उप संभागीय अधिकारी नवीन पंत ने बताया कि तेंदुए को पकडऩे के लिए पिंजरे लगाए जा रहे हैं.
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