आफत की बारिश: पिथौरागढ़ का देश-दुनिया से संपर्क कटा, दर्जनों पुल बहे, सड़कें बंद होने से फंसे लोग
उत्तराखंड के कुमाऊं में लगातार तीन दिन से हो रही बारिश रविवार को थम गई, लेकिन नदी-नाले अभी तक उफान पर हैं। टनकपुर-पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाईवे दूसरे दिन भी नहीं खुले। सीमांत पिथौरागढ़ जिले का देश-दुनिया से संपर्क कट गया है। सड़कें बंद होने से कई स्थानों पर लोग फंसे हैं। पहाड़ों पर सीमांत गांव नामिक समेत राशन, फल, सब्जी समेत दैनिक जरूरत के सामान की किल्लत होने लगी है। नदी-नाले उफनाने से दर्जनों कच्चे और पक्के पुल बह गए।
स्याल्दे की विनोद नदी में शनिवार शाम कैहड़गांव निवासी भगवत प्रसाद बह गया था, रविवार सुबह गलीगांव के पास उसका शव बरामद हुआ। इधर, बागेश्वर के डंगोली के पत्थरखानी कालीगाड़ नाले में वृद्ध का शव बरामद हुआ है। मृतक की शिनाख्त नहीं हो सकी है।
बंगापानी तहसील में गोरी नदी ने मुनस्यारी-जौलजीबी सड़क के अधिकांश हिस्से को लील लिया है। धारचूला के कनज्योति के पास ऊपरी पहाड़ी से बहने वाले झरने के उफान पर आने से कनज्योति में पक्का आरसीसी पुल बह गया है।
इससे मल्ला दारमा, तल्ला दारमा और चौदास घाटी के 35 से गांवों का संपर्क टूट गया है। टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे टनकपुर से लीसा डिपो (घाट से छह किमी पूर्व) तक ही खुल सका है। मकड़ाऊं के पास 10 मीटर सड़क टूटने से अल्मोड़ा-घाट हाईवे दूसरे दिन भी अवरुद्ध रहा। अल्मोड़ा जिले में 10 ग्रामीण मार्ग भी बंद हैं।
कुमाऊं भर में करीब 150 मार्ग मलबा आने से बाधित हो गए हैं। इनमें नैनीताल के 22, पिथौरागढ़ के 49, चंपावत के 44, अल्मोड़ा के 10 और बागेश्वर के 19 मार्ग हैं। प्रदेश में अधिकतर सड़कें तीसरे दिन भी नहीं खुल पाईं। विभिन्न जनपदों में अभी भी सात राष्ट्रीय राजमार्ग अवरूद्ध हैं, जबकि कुछ को आंशिक रूप से खोला गया है। इसके अलावा 177 ग्रामीण सड़कों के अवरूद्ध होने से गई गांवों का संपर्क मुख्यालयों से कट गया है।
बनबसा में शारदा, बागेश्वर में सरयू, रामनगर में कोसी, हल्द्वानी में गौला नदी उफान पर हैं। शारदा बैराज पर रेड अलर्ट रहा। रामनगर में कोसी नदी का जलस्तर चार साल के अधिकतम रिकॉर्ड पर पहुंचा गया है।
यहां रविवार को 33 हजार 148 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया जो पिछले चार सालों में सबसे अधिक है। ऊधमसिंह नगर में गली, मोहल्लों, कालोनियों और सरकारी दफ्तरों के परिसरों में जलभराव की स्थिति बन गई।
झूलाघाट-पिथौरागढ़, पिथौरागढ़-कनालीछीना, मनीआगर-खोला, चौबटिया-कुनालखेत, बागेश्वर-दफौट, कपकोट-पिंडारी ग्लेशियर, कपकोट-शामा-तेजम, भयूं-गुलेर, सिरलोनी-लोहागढ़ी, कंधार-रौलियाना-सिमखेत, बैजनाथ-तिलसारी, कपकोट-पिंडारी मार्ग अभी भी बंद है।
वहीं, ग्रामीण सड़कें बंद होने का खामियाजा रीठा साहिब गुरुद्वारे आए 230 तीर्थयात्रियों को भी भुगतना पड़ा। यूपी, पंजाब, दिल्ली कई जगहों से गुरु दरबार में मत्था टेकने आए इन श्रद्धालुओं की राह दो दिन तक भारी बारिश और बंद मार्ग ने रोक दी। गुरुद्वारा प्रबंधक बाबा श्याम सिंह ने बताया कि सभी तीर्थयात्री इस दौरान गुरुद्वारे परिसर में ही रहे। रविवार को कुछ मार्ग खुलने से ये तीर्थयात्री रवाना हो गए।
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