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नए सीएम धामी ने ली शपथ, कैबिनेट में शामिल हुए ये 11 मंत्री, एक नजर कैबिनेट पर...

नए सीएम धामी ने ली शपथ, कैबिनेट में शामिल हुए ये 11 मंत्री, एक नजर कैबिनेट पर... 
 देहरादून : उत्तराखंड के नए सीएम के रूप में आज खटीमा सीट के युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी ने शपथ ली। राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया था। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही धामी कैबिनेट के सभी 11 मंत्रियों को भी आज सीएम के साथ शपथ दिलाई गई। बता दें कि पहले वे शनिवार को ही शपथ लेने वाले थे, लेकिन बाद में कार्यक्रम में बदलाव कर दिया गया। 

नए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने छात्र राजनीति से मुख्यमंत्री कुर्सी तक लंबी छलांग लगाई है। नब्बे के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीति की शुरूआत कर निरंतर राजनीति सफर में आगे बढ़ते गए। प्रदेश की सियासत में नेतृत्व परिवर्तन से मुख्यमंत्री की दौड़ में पार्टी के दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ दिया।

सैन्य परिवार की पृष्ठभूमि से होने के कारण धामी ने राष्ट्रीयता, सेवा भाव व देश भक्ति को अपनाया। सरकारी स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण कर नब्बे के दशक में छात्र राजनीति शुरू की। वर्ष 1990 व 1999 तक एबीवीपी में विभिन्न पदों पर सक्रिय रहे। लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र के हित के मुद्दों को लेकर संघर्ष किया। राज्य गठन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के 2002 सलाहकार के रूप में काम किया।

दो बार भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष रहे। 2002 से 2008 तक छह वर्षों तक लगातार पूरे प्रदेश में जगह-जगह बेरोजगारों को संगठित किया। जिससे प्रदेश के युवाओं को उद्योगों में 70 प्रतिशत रोजगार का आरक्षण का लाभ मिला। 2010 से 2012 तक भाजपा सरकार में शहरी विकास अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष रहे। पहली बार 2012 में पार्टी से टिकट मिलने पर विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। लगातार दो बार खटीमा से विधायक हैं।

कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत
बंशीधर भगत कालाढूंगी विधायक एवं पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
- बंशीधर भगत अब तक छह बार विधायक बन चुके हैं।
- वह वर्ष 1975 में जनसंघ पार्टी से जुड़े। इसके बाद उन्होंने किसान संघर्ष समिति बनाकर राजनीति में प्रवेश किया।
- राम जन्मभूमि आंदोलन में वह 23 दिन अल्मोड़ा जेल में रहे।
- 1989 में उन्होंने नैनीताल-ऊधमसिंह नगर के जिला अध्यक्ष का पद संभाला।
- 1991 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में नैनीताल से विधायक बने।
- 1993 व 1996 में नैनीताल के विधायक बने।
- उत्तर प्रदेश सरकार में खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री, पर्वतीय विकास मंत्री, वन राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला।
- 2000 में राज्य गठन के बाद वह उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री रहे।
- 2007 में हल्द्वानी विधानसभा से वह चौथी बार विधायक बने। उत्तराखंड सरकार में उन्हें वन और परिवहन मंत्री बनाया गया।
- 2012 में परिसिमन कालाढूंगी विधानसभा से फिर जीते।
- 2017 के विधानसभा चुनाव में छठी जीत दर्ज की।
- इसके बाद वह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी रहे।
- बंशीधर भगत रामलीला मंचन में राजा दशरथ के पात्र का अभिनय करते हैं। 
-2021 में तीरथ सिंह रावत की कैबिनेट में मंत्री बने थे। अब धामी कैबिनेट में भी शामिल हुए हैं। पूर्व में ये उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे।
कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद
यतीश्वरानंद हरिद्वार ग्रामीण विधायक 
- स्वामी यतीश्वरानंद करनाल जिले के गांव कैमला के रहने वाले हैं।
- 18 साल पहले गांव छोड़ दिया था। देश सेवा को प्राथमिकता दी और शादी नहीं की।
- वे उत्तराखंड विधानसभा की हरिद्वार ग्रामीण सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव जीते हैं।
- उन्होंने उत्तराखंड के दिग्गज नेता एवं निवर्तमान सीएम हरीश रावत को 12997 मतों से हराया थ। 
- स्वामी यतीश्वरानंद ने संस्कृत में पीएचडी की है।
- पांच भाइयों में स्वामी यतीश्वरानंद सबसे छोटे हैं।
- 2021 में उन्होंने कैबिनेट मंत्री के पद पर शपथ ली। 

कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल 
बिशन सिंह चुफाल डीडीहाट विधायक
- 1982 में बांकू गांव के ग्राम प्रधान बने।
- 1983 में डीडीहाट ब्लाक के ब्लाक प्रमुख बने।
- 1989 में पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा, हार गये।
- 1996 में फिर भाजपा टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
- उत्तराखंड गठन के बाद 2000 से 2002 तक कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के अध्यक्ष रहे।
- 2003 से 2007 तक विधायक रहे।
- 2007 से 2012 तक पहले ढाई साल कैबिनेट मंत्री रहे, फिर अगले ढाई साल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
- 2013 से 2017 तक विधायक रहे। 2017 में फिर लगातार पांचवी बार विधायक बने।
-  2021 में तीरथ कैबिनेट में तौर पर जगह दी गई थी। अब धामी कैबिनेट में शामिल हुए हैं।
यशपाल आर्य बाजपुर विधायक
- पूर्व में उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं।
- यशपाल आर्य पहली बार 1989 में खटीमा सितारगंज सीट से विधायक बने थे।
- वह काफी समय तक कांग्रेस पार्टी में भी रहे हैं।
-  2021 में उन्हें तीरथ कैबिनेट में जगह दी गई थी। अब उन्हें धामी कैबिनेट में भी शामिल किया गया है। 

सतपाल महाराज 
सतपाल महाराज चौबट्टाखाल विधायक
- 90 के दशक में सतपाल महाराज ने कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत की।
- देवेगौड़ा और गुजराल सरकार में सतपाल महाराज केंद्र में राज्य मंत्री रहे।
- उत्तराखंड में तिवारी सरकार में सतपाल महाराज 20 सूत्रीय कार्यक्रम के अध्यक्ष रहे।
- 2004 में सांसद का चुनाव भी नहीं लड़ा।
- 2009 में सतपाल महाराज गढ़वाल सीट से सांसद चुने गए।
- 2014 में भाजपा में शामिल हो गए।
- 2017 में चौबट्टाखाल सीट से विधायक चुने गए, फिर त्रिवेंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बने।
-  2021 में उन्हें पहले तीरथ और अब धामी कैबिनेट में जगह मिली।

मंत्री हरक सिंह रावत 
हरक सिंह रावत कोटद्वार विधायक
- हरक सिंह रावत पहले कांग्रेस में थे, लेकिन कांग्रेस से बागी होकर उन्होंने भाजपा का दामन थामा था।
- हरक को भाजपा ने कोटद्वार से अपना उम्मीदवार बनाया।
- कांग्रेस की तरफ से राज्य के मंत्री भी रह चुके हैं।
- कहा जाता है कि 2016 में हरीश रावत की सरकार पर आए संकट की वजह भी हरक ही थे।
-  2021 में उन्हें तीरथ और त्रिवेंद्र कैबिनेट के बाद अब धामी कैबिनेट में भी शामिल किया गया है। 

कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत 
धनसिंह रावत श्रीनगर विधायक (राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार)
- धन सिंह रावत 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार श्रीनगर से विधायक बने।
- मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले धन सिंह रावत का जन्म सात अक्तूबर 1971 को हुआ था। 
- राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय रहे रावत बाल विवाह विरोधी और शराब निषेध जैसे आंदोलनों से भी जुड़े रहे हैं।
- उत्तराखंड को राज्य बनाने के लिए हुए आंदोलन में उनकी सक्रिय भागीदारी थी। इस दौरान वह दो बार जेल भी गए थे।
- रावत का राजनीति में प्रवेश छात्र जीवन में ही एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के साथ हुआ था। धन सिंह रावत ने राजनीति विज्ञान से पीएचडी की है।
- त्रिवेंद्र सरकार में उनके पास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), सहकारिता, प्रोटोकॉल और दुग्ध विकास विभाग है।
-  2021 में उन्हें तीरथ के बाद अब धामी कैबिनेट में जगह मिली।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी
गणेश जोशी मसूरी विधायक
-गणेश जोशी का जन्म 25 फरवरी, 1958 को एक सैनिक परिवार में हुआ।
-गढ़वाल राइफल रेजीमेंट में एक सैनिक के रूप में देश की सेवा की। उत्कृष्ठ सेवा के लिए सेवा मैडल भी मिला। जून 1983 में अस्वस्थता के कारण सेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त हुए।
- 2000-2002 वे जिला जनरल सचिव, भारतीय जनता पार्टी, देहरादून महानगर बन गए।
- 2007 वे राजपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए।
- 2009 उन्हें उत्तराखंड विधानसभा की आवास समिति के अध्यक्ष के रूप में मनोनीत किया गया।
-2012 वे मसूरी निर्वाचन क्षेत्र से उत्तराखंड विधानसभा के लिए चुने गए। 
- 2017 कांग्रेस पार्टी की गोदावरी थापली को 12,077 मतों के अंतर से हराकर वे मसूरी निर्वाचन क्षेत्र से उत्तराखंड विधानसभा के लिए चुने गए।
- 2021 में उन्हें तीरथ कैबिनेट के साथ ही धामी कैबिनेट में जगह मिली है। 

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल 
सुबोध उनियाल नरेंद्र नगर विधायक
- पिता : धर्मानंद उनियाल
- माता : सुशीला देवी
- मूल निवासी : उणी गांव
- जन्म : 26 जुलाई 1960
- शैक्षिक योग्यता : स्नातकोत्तर, सिविल इंजीनियरिंग
- 1981 में राष्ट्रीय लोकदल यूपी के प्रदेश मंहामत्री रहे।
- 1991 से 98 तक यूपी कांग्रेस कमेटी के संयुक्त मंत्री रहे।
- 2000 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रांतीय महामंत्री रहे।
- वर्ष 2002 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर नरेंद्रनगर से पहली बार विधायक निर्वाचित हुए।
- वर्ष 2002 में मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के पर्यटन सलाहकार रह चुके हैं।
- वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में उक्रांद प्रत्याशी ओम गोपाल रावत से चुनाव हार गए थे।
- वर्ष 2012 में दूसरी बार नरेंद्रनगर विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए।
- वर्ष 2016 में  हरीश रावत सरकार में बगावत होने के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे।
- वर्ष 2017 में नरेंद्रनगर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतकर विधायक बने। 18 मार्च 2017 को कृषि मंत्री का दायित्व मिला।
-  2021 में उन्हें तीरथ और त्रिवेंद्र के बाद अब धामी कैबिनेट में जगह मिली है। 

सोमेश्वर विधायक रेखा आर्य (राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार)
जन्म- नौ मई 1978, सुनाड़ी, सोमेश्वर अल्मोड़ा।
पति-गिरधारी लाल साहू।
2003- जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं।
2012-सोमेश्वर से टिकट न मिलने पर कांग्रेस छोड़ी और निर्दलीय विधानसभा का चुनाव लड़ा। चुनाव में हारीं लेकिन अच्छे मत मिले।
2013-भाजपा में शामिल हो गयीं।
2014- अल्मोड़ा से लोकसभा का टिकट न मिलने पर भाजपा छोड़ी और कांग्रेस में शामिल।
2014-सोमेश्वर में हुए विधानसभा उपचुनाव को कांग्रेस के टिकट पर जीता।
2016-विधायक रहते हुए ही कांग्रेस ही हरीश रावत सरकार से बगावत की और भाजपा में शामिल।
2017-भाजपा के टिकट पर सोमेश्वर से विधानसभा का उपचुनाव जीता।
2017-राज्य सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला।
-  2021 में उन्हें अब तीरथ के बाद धामी कैबिनेट में जगह मिली। 

कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय 

- अरविंद पांडेय का जन्म 20 मई 1971 को हुआ था। इन्होंने स्नातक तक पढ़ाई की है। 
- पांडेयआरएसएस के प्रचारक रहे
- 1997-2002- बाजपुर नगर पालिका के सबसे कम उम्र में अध्यक्ष बने
- 2002 बाजपुर विधानसभा से विधायक निर्वाचित
- 2007 बाजपुर से दूसरी बार निर्वाचित
- 2012 गदरपुर से विधायक बने
- 2017 गदरपुर विधानसभा से दुसरी बार विधायक बने और त्रिवेंद्र सरकार में खेल, पंचायती राज, युवा कल्याण, शिक्षा और संस्कृति मंत्री। 
- 2021 में कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। वे त्रिवेंद्र और तीरथ कैबिनेट में भी शामिल थे। 

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