आधी-अधूरी तैयारी से क्यों खुले स्कूल ? हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से मांगा पूरा ब्योरा
नैनीताल. उत्तराखंड में आधी अधूरी तैयारी के साथ स्कूल खोले जाने के मामले पर हाई कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर दिया है. कोर्ट ने सरकार को 17 अगस्त तक शपथ पत्र के साथ जवाब दाखिल करने का आदेश दिया. कोर्ट ने पूछा कि कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच स्कूल खोले हैं, तो बच्चों की सुरक्षा और उनके जीवन की रक्षा के लिए सरकार ने क्या तैयारी और इंतज़ाम किए गए. हालांकि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से यह भी कहा कि ये पॉलिसी मैटर है और कोर्ट के साथ ही अन्य संस्थान भी तो खुल रहे हैं.
जब कोर्ट ने यह तर्क दिया तो याचिकाकर्ता के वकील की दलील थी कि कोर्ट या अन्य संस्थानों के लोगों ने वैक्सीन ली है, लेकिन बच्चों को अब तक वैक्सीन नहीं दी गई है. ऐसे में स्कूली बच्चों के जीवन से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता. इस तर्क को कोर्ट ने माना और राज्य सरकार से तैयारियों का ब्योरा मांगा. कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि व्यवस्था के मुताबिक खाना स्कूल में मिलेगा नहीं और घर से खाने लाने के लिए बच्चों को मना किया गया है तो वो 6 घंटे स्कूल में कैसे रहेंगे.
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि स्कूल एक फॉर्म भरकर ले रहे हैं, जिसमें लिखा है कि अगर कोई छात्र स्कूल में संक्रमित होता है, तो स्कूल का कोई कसूर नहीं है. आपको बता दें कि विजयपाल सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकार के 31 जुलाई के जीओ को चुनौती दी. इस याचिका में कहा गया कि विशेषज्ञों ने तीसरी लहर के प्रकोप की चिंता ज़ाहिर की है, इसके बावजूद सरकार ने आधी अधूरी तैयारी के साथ स्कूल खोल दिए. गौरतलब है कि बीते बुधवार से ही राज्य में बड़ी कक्षाओं के लिए स्कूल खोले गए.
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