आशा कार्यकर्त्ताओं को पांच माह तक मिलेगी दो-दो हजार की प्रोत्साहन राशि, शासनादेश जारी
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के अनुरूप प्रदेश में आशा कार्यकर्त्ताओं और आशा फैसिलिटेटर को पांच माह तक दो-दो हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। शासन ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। इसके अलावा शासन ने अनाथ बच्चों को सरकारी सेवाओं में पांच फीसद क्षैतिज आरक्षण देने के संबंध में नियमावली भी जारी कर दी है। यह तत्काल प्रभावी होगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कुछ दिन पहले कोरोनाकाल में आशा कार्यकर्त्ताओं और आशा फैसिलिटेटर की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए इन्हें पांच माह तक दो-दो हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी। इस क्रम में सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री घोषणा के क्रम में यह राशि जारी करने के निर्देश दिए हैं। इस राशि का भुगतान महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के निवर्तन पर रखी आकस्मिकता निधि से किया जाएगा। शासन ने उत्तराखंड में संचालित स्वैच्छिक एवं राजकीय गृहों में निवासरत अनाथ बच्चों को सरकारी व अशासकीय सेवाओं में क्षैतिज आरक्षण देने के संबंध में नियमावली भी जारी कर दी है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि आरक्षण के पात्र वही होंगे, जिनके जैविक अथवा दत्तक माता-पिता दोनों की मृत्यु बच्चे के जन्म से 21 वर्ष तक की अवधि में हुई हो।
इस नियमावली का नाम अनाथ बच्चों को राजकीय व अशासकीय सेवाओं में क्षैतिज आरक्षण नियमावली, 2021 रखा गया है। इसका लाभ लेने के लिए प्रभावित व अनाथ बच्चों को जिला प्रोबेशन अधिकारी की संस्तुति और सभी अभिलेखों का परीक्षण करा कर जिलाधिकारी कार्यालय में पंजीकरण कराना होगा। वहां से जारी प्रमाण पत्र के आधार पर ही सरकारी व अशासकीय सेवाओं में क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।
दरअसल, वेतन वृद्धि समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा कार्यकर्त्ता हड़ताल पर थीं, जिसमें मानदेय की मांग भी शामिल थी। बीते रोज यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कुंजवाल के नेतृत्व में आशाओं का शिष्टमंडल सीएम धामी से बंडिया में मिला, जहां सीएम ने उनकी मांगों पर 20 दिनों के भीतर कार्रवाई करने का भरोसा दिया। इसपर आशाओं ने हड़ताल खत्म करने का एलान किया।
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