कोरोना उतराखंड : केवल 3 दिन के लिए आयोजित होगा बागेश्वर 7 दिन चलने वाला उत्तरायणी मेला
बागेश्वर. इस बार कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के डर के साये में मनाया जाएगा ऐतिहासिक उत्तरायणी मेला. बता दें कि पिछले दो साल से इस मेले पर कोरोना का साया रहा और मेला सिर्फ धार्मिक रूप से मनाया गया. लेकिन इस बार प्रशासन ने मेले को पूरी भव्यता के साथ मनाने की पूरी तैयारी कर ली थी. लेकिन हाल के दिनों में तेजी से बढ़ रहे ओमिक्रॉन के मामले ने प्रशासन को सोचने पर मजबूर कर दिया. नतीजा है कि शनिवार को फैसला किया गया कि एक बार फिर प्रसिद्ध उत्तरायणी मेला बेहद संक्षिप्त रूप में मनाया जाएगा.
ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन ने उत्तरायणी मेले के आयोजन को लेकर विचार-विमर्श के लिए शनिवार को बैठक बुलाई. इस बैठक में तय किया गया कि ओमिक्रॉन संक्रमण देखते हुए मेले का आयोजन एक सप्ताह का न होकर केवल 3 दिन ही किया जाए. साथ ही मेले में बाहरी राज्यों से आने वाले व्यापारियों के आने पर प्रतिबंध रहे. बाहरी प्रदेश के कलाकारों को भी इस मेले में आमंत्रित नहीं किया जाए.
बता दें कि शनिवार को भी उत्तराखंड में कोरोना ओमिक्रॉन वेरिएंट के 4 नए मामले सामने आए हैं. पिछले कुछ दिनों से ओमिक्रॉन के मामले सामने आ ही रहे थे. इस स्थिति को देखते हुए तय किया गया है कि ऐतिहासिक, धार्मिक व पौराणिक मेले के 2022 का आयोजन भी फीका ही रखा जाए. मालूम रहे कि कुमाऊं की काशी बागेश्वर में उत्तरायणी मेला ऐतिहासिक व धार्मिकता के साथ ही राजनैतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है. मकर संक्रांति के दिन लगने वाले इस मेले में देश के विभिन्न स्थानों से लोग आते रहे हैं. कोरोना के संकट के कम होने के बाद प्रशासन, पालिका समेत बागेश्वसियों को उम्मीद थी कि इस बार उत्तरायणी मेला अपने पुराने स्वरूप के अनुसार होगा. प्रशासन ने भी इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली थीं. लेकिन ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों ने ऐतिहासिक और धार्मिक मेले की भव्यता पर एक बार फिर अंकुश लगा दिया है.
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