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उत्तराखंड : 23 मार्च को शपथ लेंगे पुष्कर सिंह धामी , जाने कौन कौन होगा शामिल..


उत्तराखंड : 23 मार्च को शपथ लेंगे पुष्कर सिंह धामी , जाने कौन कौन होगा शामिल.. 
देहरादून : उत्तराखंड भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पुष्कर सिंह धामी  ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेताओं को धन्‍यवाद दिया है. उन्‍होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझ पर भरोसा किया. मुझ जैसे एक सामान्य कार्यकर्ता को मुख्य सेवक के रूप में काम करने का मौका मिला. बता दें कि सोमवार को देहरादून में धामी को विधायक दल का नेता चुने जाने का ऐलान केंद्रीय पार्टी पर्यवेक्षक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी ने किया. वहीं, धामी का शपथ ग्रहण समारोह 23 मार्च को देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित होगा, जिसमें पीएम और अमित शाह के अलावा तमाम बड़े नेता शामिल होंगे. यही नहीं, इस दौरान भाजपा शासित राज्‍यों के सीएम भी शामिल हो सकते हैं.

इसके साथ धामी ने कहा कि 2024 में जो लोकसभा चुनाव हैं उसका भी प्रत्यक्ष प्रमाण उत्तराखंड की जनता ने बहुमत देकर सबके सामने साबित कर दिया है. 2025 में जब हमारा राज्य 25 साल को होगा उस समय हम भारत के अग्रणी राज्य बने उसे साकार करने के लिए सभी को एक साथ चलना होगा. वहीं, पुष्‍कर सिंह धामी ने कहा कि हम राज्य में समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन सहित सभी वादों को पूरा करेंगे.

विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद धामी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ शाम छह बजे राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (रिटायर्ड ) से भेंट की. इसके बाद कौशिक ने धामी के नेतृत्व में राज्यपाल को नई सरकार के गठन का अनुरोध पत्र सौंपा. इस दौरान केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और अजय भट्ट के अलावा डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत, सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, रेखा आर्य, अरविंद पांडे समेत कई नेता मौजूद थे.

वहीं, बुधवार (23 मार्च) को 46 साल के धामी के दूसरी बार शपथ लेने के साथ ही 22 साल पहले अस्तित्व में आए उत्तराखंड में एक और मिथक यह भी टूटेगा कि किसी भी मुख्यमंत्री ने लगातार दो बार अपनी पारी नहीं खेली है. पिछले साल जुलाई में धामी को विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही प्रदेश की बागडोर सौंपी गयी थी. वहीं, वह पार्टी नेतृत्व के भरोसे पर वह खरे उतरे. हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 70 में से 47 सीटें जीतकर दो तिहाई से अधिक बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल की है. हालांकि लगातार तीसरी बार खटीमा से विधायक बनने का प्रयास कर रहे धामी कांग्रेस के अपने प्रतिद्वंदी भुवन चंद्र कापड़ी से 6500 वोटों के अंतर से हार गए. इसी वजह से भाजपा को सीएम के नाम के ऐलान पर 11 दिन तक मंथन करना पड़ा. पिथौरागढ के सीमांत क्षेत्र कनालीछीना में एक पूर्व सैनिक के घर में पैदा हुए धामी की कर्मभूमि खटीमा ही रही है और यहां से उनकी हार उनके लिए एक बडा झटका माना गया.

इस वजह से विपक्ष पर भारी पड़े धामी 
पुष्‍कर सिंह धामी ने जब पिछले साल जुलाई में सीएम का कार्यभार संभाला था तब वह प्रदेश के इतिहास में सबसे युवा मुख्यमंत्री बने थे और उनके सामने कोरोना महामारी और आपदाओं के साथ ही नजदीक आते विधानसभा चुनाव जैसी कई चुनौतियां थीं और खुद को साबित करने के लिए मात्र छह महीने थे. कोविड के चलते पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था, तीर्थ पुरोहितों का चारधाम बोर्ड को लेकर आंदोलन और कोविड फर्जी जांच घोटाला जैसी चुनौतियां भी उनके सामने थीं. उन्होंने कई आर्थिक पैकेजों की घोषणा और चारधाम बोर्ड भंग कर जीत हासिल की और ऐन विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष के हाथ से मुददे छीन लिए थे.


 

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