नेपाल में बादल फटने से धारचूला में 'काली नदी ने मचाया तांडव, 30 से अधिक मकान हुए जमींदोज
धारचूला (पिथौरागढ़) :नेपाल के दार्चूला के ऊंचाई वाले क्षेत्र दल लेख में बादल फटने से उफनाए लास्कू नाले ने भारी तबाही मचाई है। इसका पानी काली नदी में जाने से नवगाड़ गांव और महाकाली नगर पालिका में पांच लोगों की मौत हो गई और 11 लोग लापता हैं जबकि 30 से अधिक मकान जमींदोज हो गए हैं। इधर, भारतीय क्षेत्र में भी भारी मात्रा में आए पानी और मलबे की वजह से धारचूला के खोतिला में 36 मकानों में मलबा, पानी भर गया है।
घर में घुसे पानी में डूबने से एक महिला की मौत हो गई। काली नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नेपाल के दार्चूला के दल लेख में शुक्रवार रात 11 बजे के करीब मूसलाधार बारिश हुई जिससे लास्कू नाला उफान पर आ गया। स्थानीय लोग जहां इसे बादल फटना बता रहे हैं, वहीं प्रशासन अतिवृष्टि कह रहा है।
जिला प्रहरी कार्यालय के प्रहरी निरीक्षक जगत गाहा ने बताया कि आपदा से महाकाली नगर पालिका दो निवासी नंद राम बोहरा (77), वार्ड नंबर एक सल्ला निवासी मानमती कार्की (44), नौगांव पालिका दो निवासी जानकी ठगुन्ना (32), धनुली ठगुन्ना (15) और मोहनराम पार्की (68) की मौत हो चुकी है।
इनके शव बरामद हो चुके हैं। मलबे से सल्ला गांव के आठ मकान समेत कुल 30 मकान जमींदोज हो गए हैं। गांव के बीरा ठगुन्ना को गंभीर चोटें आई है। खलंगा स्थित दशरथनगर का स्कूल बह गया है। दुहु और महाकाली को जोड़ने वाले लास्कू सस्पेंशन पुल और मोटर पुल भी बह गए हैं।दार्चूला तिंकर सड़क पर खड़े चार वाहन बह गए हैं।
महाकाली के प्रवाह को रोकने के लिए बनाए गए तटंबध भी क्षतिग्रस्त हो गए है। नेपाल के पुलिस कार्यालय ने बताया कि नुकसान का अभी सही आकलन नहीं हो पाया है। घटना स्थल पर राहत और बचाव कार्य के लिए नेपाली सेना, पुलिस, सशस्त्र पुलिस को तैनात किया गया है। प्रभावितों के लिए नेपाल सरकार की ओर से खाने-पीने का सामान, राशन एवं अन्य सामग्री काठमांडू से हेलिकॉप्टर के जरिये भेजी जा रही है।
इधर, भारतीय क्षेत्र धारचूला के खोतिला निवासी पशुपति देवी (65) पत्नी मान बहादुर दरवाजे का कुंडा नहीं खुलने के कारण घर के अंदर ही फंस गई। घर में पानी भरने से उनकी डूबने से मौत हो गई। रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद उनका शव बाहर निकाला। भारी बारिश से एलधारा का मलबा, पानी मल्ली बाजार एवं खड़ी गली के घरों और दुकानों में घुस गया है।
एसडीएम नंदन कुमार ने बताया कि मल्ली बाजार एवं खड़ी गली के 20 मकानों और 15 दुकानों के साथ ही खोतिला में 36 मकानों में मलबा, पानी घुसा है। आपदा से 170 लोग प्रभावित हुए हैं। प्रशासन की टीम आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचने में जुटी हुई है। आपदा प्रभावितों को टेंट और अन्य सामान पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।
क्षेत्र पंचायत सदस्य देवराज बिष्ट ने बताया कि रतना देवी पत्नी स्व. कल्याण सिंह, ईश्वर लाल पुत्र स्व. हिम्मत राम और विपिन चंद स्व. गोपाल सिंह के मकान जमींदोज हो गए हैं। काली नदी का जल स्तर बढ़ने से धारचूला का घटखोला क्षेत्र खतरे की जद में आ गया है।
सीएम ने दिया हर संभव मदद का आश्वासन
धारचूला के क्षेत्र प्रमुख धन सिंह धामी ने आपदा प्रभावितों की बात सीएम से कराई। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा काल में सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों की हर संभव मदद करेगी।
आज सीएम करेंगे आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण
सीएम पुष्कर सिंह धामी आज आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। इस दौरान वह आपदा प्रभावितों से भी मुलाकात करेंगे। वह देहरादून से सुबह 9:30 बजे हेलीकॉप्टर से धारचूला रवाना होंगे। वह टेंट, राहत शिविरों में रह रहे आपदा प्रभावितों से मुलाकात भी करेंगे।
धारचूला पीएमजीएसवाई की गलाती रमतोली सड़क भारी बारिश से बंद हो गई है। गलाती पेयजल योजना और छह पुलिया ध्वस्त हो गई हैं जिससे करीब सात हजार से अधिक की आबादी को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खुमती प्रधान गोपाल सिंह ने बताया कि कालिका-खुमती सड़क बंद होने और पेयजल योजना ध्वस्त होने से गांव की तीन हजार की आबादी परेशान है।
विधायक धामी ने सीएम को दी जानकारी
विधायक हरीश धामी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को नुकसान की जानकारी देने के साथ आपदा प्रभावितों की मदद करने की अपील की है। उनका कहना है कि उनकी विधानसभा में आपदा से सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं।
मलबा हटाने का कार्य शुरू
एसडीएम नंदन कुमार के निर्देश के बाद नगर पालिका ने खड़ी गली और मल्ली बाजार में मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया है। नगर पालिका की टीम भूरे सिंह के नेतृत्व में मलबा हटाने का कार्य कर रही है। नगर पालिका का कहना है कि मलबा जल्द ही हटा लिया जाएगा।
एसडीएम नंदन कुमार, पालिकाध्यक्ष राजेश्वरी देवी, तहसीलदार डीके लोहनी, कोतवाल कुंवर सिंह रावत, राजस्व उप निरीक्षक कृष्ण कुमार, राजस्व उप निरीक्षक सदर चंद्री चंद, सेना के वन आर्चर के मेजर जयपाल के अलावा 22 जवान, एसएसबी के एसी बृजमोहन और 25 जवान, एनडीआरएफ के एसी अजय पंत और 16 जवान, एसडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह और छह जवान रेस्क्यू में लगे हैं।
क्षेत्र में आई आपदा से निपटने के लिए डीएम ने धारचूला एसडीएम नंदन कुमार के साथ ही डीडीहाट एसडीएम अनुराग आर्या और बागेश्वर एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला को प्रभावित क्षेत्रों में तैनात कर दिया है। तीनों एसडीएम के नेतृत्व में राहत एवं बचाव कार्य तेज गति से किए जा रहे हैं।
उधर, रुद्रप्रयाग के गुप्तकाशी ऊखीमठ के तुलंगा गांव में गोशाला जाते समय रास्ते में पहाड़ी से हुए भूस्खलन के मलबे में जिंदा दब गई। प्रशासन की मौजूदगी में राजस्व पुलिस ने शव को मलबे से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
शनिवार सुबह करीब 6:30 बजे तुलंगा गांव निवासी सुरजी देवी (64) पत्नी स्व. कलम सिंह अपने मवेशियों को चारापत्ती देने गोशाला जा रही थी। इसी दौरान रास्ते में पहाड़ी से आए मलबे में वह दब गई। आसपास के लोगों की सूचना पर परिजन मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों व प्रशासन की मदद से महिला के शव को मलबे से निकाला गया।
ऊखीमठ के तहसीलदार दीवान सिंह राणा ने बताया कि शव को मलबे से निकालकर पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इधर, ग्राम प्रधान नवीन रावत ने मृतका के परिवार को आपदा मद से मुआवजा देने की मांग की है।
रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे माधव चिकित्सालय नारायणकोटी के समीप पुश्ता ढह गया जिससे सात घंटे तक वाहनों की आवाजाही ठप रही।
दोपहर बाद एनएच द्वारा ऊपरी क्षेत्र में हल्का कटान कर बड़े वाहन खाली कर आगे बढ़ाए गए। साथ ही छोटे वाहनों के संचालन में भी सतर्कता बरती जा रही है।
चार घंटे की मूसलाधार बारिश से ऊखीमठ नगर पंचायत के चुन्नी, मंगोली, ब्राह्मणखोली, प्रेमनगर क्षेत्र में अफरा तफरी का माहौल रहा।
मलबा आने से कुंड- गोपेश्वर हाईवे क्षतिग्रस्त हो गया है जिससे करीब चार घंटे यातायात ठप रहा। ग्रामीणों के खेत-खलिहानों में पानी के साथ मलबा भरा गया।
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