कैबिनेट बैठक: राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में 10% आरक्षण सहित सरकार के ये बड़े फैसले
देहरादून : राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार विधेयक को संशोधन कर राज्यपाल को भेजेगी। प्रदेश मंत्रिमंडल ने आंदोलनकारियों के आरक्षण के संबंध में गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की सिफारिशों पर मुहर लगा दी है। उपसमिति ने 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की सिफारिश की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में नौ प्रस्तावों पर चर्चा हुई। प्रदेश सरकार राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण की मुराद पूरी करने जा रही है। राजभवन से लौटे विधेयक में संशोधन करके दोबारा भेजा जाएगा। बता दें कि पिछली कैबिनेट में यह प्रस्ताव न आने से मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई थी। उन्हीं के निर्देश पर यह प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में लाया गया। प्रदेश में 10 हजार से अधिक राज्य आंदोलनकारी हैं, जिन्हें आरक्षण का लाभ मिलेगा। बैठक में उपसमिति की रिपोर्ट रखी गई। उप समिति राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की पक्षधर है।
नई सौर ऊर्जा नीति पर मुहर, सब्सिडी मिलेगी
कैबिनेट ने नई सौर ऊर्जा नीति को मंजूरी दे दी है। इसके तहत सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए सरकार सब्सिडी देगी। इसके साथ ही सरकारी भूमि पर निज क्षेत्र के व्यक्ति भी संयंत्र लगा सकेंगे। सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए सरकार लैंड बैंक तैयार कराएगी। सरकारी भूमि पर निजी क्षेत्र और निजी भूमि पर सरकार संयंत्र लगा सकेगी।
पांच करोड़ रुपये की विधायक निधि
कैबिनेट ने विधायक विकास निधि को बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये कर दिया। इसमें जीएसटी पर खर्च होने वाली राशि भी शामिल है। बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अभी तक विधायक विकास निधि 3.75 करोड़ रुपये मिल रही है। विधायक विकास निधि के मानकों में भी कुछ ढील दी गई है। इसके तहत विधायक अब अपनी निधि से महिला और युवक मंगल दलों को 50 लाख रुपये तक दे सकेंगे। अभी तक 40 लाख का मानक था। वह खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों पर भी विधायक निधि खर्च कर सकेंगे। धार्मिक स्थलों के विकास के लिए अब वे 50 लाख रुपये तक दे सकेंगे। अभी उन्हें 25 लाख रुपये तक ही देने का अधिकार है।
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