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उत्तरकाशी मामला : समुदाय विशेष के मजबूरन हो रहे पलायन पर, आयोग ने प्रधानमंत्री को लिखा खत

उत्तरकाशी मामला :  समुदाय विशेष के मजबूरन हो रहे पलायन पर आयोग ने प्रधानमंत्री को लिखा खत  
देहरादून : उत्तरकाशी के पुरोला से नाबालिग लड़की को भगाने के प्रयास मामले में सांप्रदायिक तनाव फैला पुरोला में बसे समुदाय विशेष  के लोगों को टारगेट करने का मामला आज पुरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है एक तरफ जहाँ मामले पर कुछ बागड़बिल्ले राजनैतिक  रोटियाँ सेकने पर लगे हैं वहीं दुसरी तरफ खौफ में अपनी रोजीरोटी गंवाकर पलायन को मजबूर परिवार इधर उधर मदद की गुहार लगा रहे हैं, 
इसी कड़ी में अब उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप कर मदद की गुहार लगाई है 
आयोग की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है, उत्तरकाशी से समुदाय विशेष के लोगों ने आयोग को मदद की गुहार लगाते हुए प्रार्थना पत्र् के साथ सताव के फोटो और वीडियो भेजे हैं जो काफी विचलित करने वाले हैं 
सताव का आलम यह है कि उत्तरकाशी भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के जिलाध्यक्ष तक को दुकान व मकान खाली कर उत्तरकाशी से जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
इसके अलावा  लगभग 45 दुकानों में तोड़ फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। जिसके बाद से समुदाय विशेष के लोग डर व खौफ में हैं। आगे आयोग द्वारा लिखा गया है कि कुछ लोग साजिशन मामले को सांप्रदायिक रंग देकर विगत 70 साल से उत्तरकाशी में रहे लोगों तक को निशाना बना रहे हैं। जो दुखद है, 

मामले पर आयोग उपाध्यक्ष का, छलका दर्द

वहीं मामले पर आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब ने भी दर्द बयान करते हुए मामले पर कहा कि लगातार आ रही खबरों से हृदय बड़ा दुखी है 
आगे उन्होंने कहा कि बड़े दुख के साथ बताना पड रहा है कि जी जान से सरकार हित में काम करके भी आज हमारी स्थिति अपने समाज में भी दयनीय है और भाजपा में भी। 
आगे आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि हम यह नहीं कहते कि किसी भी अपराधी को, बख्शा जाये अपराधी कोई भी है किसी भी समुदाय का हो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी ही चाहिए हमारी नजर में भी देश हित प्रदेश हित से बढकर कुछ नहीं है लेकिन मामले में पुरे समुदाय को टारगेट करना बरसों से मिलजुल कर रह रहे शान्ति से अपनी आजिविका चला रहे सीधे साधे लोगों को यूँ हिंसा का निशाना बना अपने घरबार छोडने को मजबूर करना कहाँ तक सही है आखिर कौनसा न्याय है
आगे उन्होंने कहा मेरी प्रशासन से यही गुहार है कि पुरोला से समुदाय विशेष के लोगों को पलायन करने से रोका जाए। उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए। 
अपराध करने वालों पर सख्त कार्यवाही हो लेकिन अपराध की आड़ में निर्दोषों के साथ अन्याय न हो।
 आगे उन्होंने कहा कि मामले को गलत हवा देने में सबसे बड़ा हाथ सोशल मीडिया पर भडकाऊ पोस्टों का है इसलिए सोशल मीडिया के माध्यम से गलत पोस्ट डालने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होनी अब बहुत जरूरी हो गई है वरना भविष्य में यह देश में नफरत और पतन का मुख्य कारण होगी

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