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प्रतापनगर : लचर स्वास्थ्य वयवस्था की भेंट चढे एक और जच्चा बच्चा, रेफर दौरान दोनों रास्ते में तोड़ा दम

प्रतापनगर : लचर स्वास्थ्य वयवस्था की भेंट चढे एक और जच्चा बच्चा, रेफर दौरान दोनों रास्ते में तोड़ा दम 
टिहरी (प्रताप नगर) : टिहरी जिले के प्रतापनगर ब्लॉक के अंतर्गत लचर स्वास्थ्य वयवस्था आज एक और गर्भवती माँ तथा गर्भ में पल रहे बच्चे को निगल गई मिल रही जानकारी के अनुसार प्रखंड के पट्टी भदुरा के रोणीया ओनाल गांव , निवासी 28 वर्षीय देवकी देवी पत्नी जगमोहन सिंह राणा सामान्य प्रसव पीड़ा होने पर घर से चलकर सड़क पर आई जहाँ से वह गाड़ी में बैठकर लंबगांव चौड़ अस्पताल पहुंचे 
परिजनों के अनुसार वहां पर मौके पर मौजूद स्टाफ द्वारा प्राथमिक परीक्षण के बाद उन्हें वहीं पर रुकने की सलाह दी और कहा कि फिक्र की कोई बात नही जल्दी प्रसव हो जाएगा ।
लेकिन 4:30 घंटे बीतने पर जब महिला को ज्यादा दर्द हुआ तब अस्पताल प्रशासन ने आनन फानन में  यह कहकर उन्हें हायर सेंटर  रेफर कर दिया बच्चे की हार्टबीट बहुत कम चल रही है 
जिसके बाद परिजन देवकी  को लेकर तत्काल एंबुलेंस से  जिला चिकित्सालय नई टिहरी की तरफ चल दिए
इधर दर्द से कराहती देवकी मात्र आधे घंटे का सफर ही चल पायी थी  की चांटी गांव के पास जच्चा बच्चा दोनों ने दम तोड़ दिया, उसके बाद उन्हें जिला चिकित्सालय बोराडी लाया गया
प्रियजनों का कहना है कि ऐसा नहीं की  देवकी देवी का यह पहला प्रसव हो उन्हें पहले भी दो बेटियां एक 7 वर्ष की एक 5 वर्ष की सामान्य  प्रसव से हो रखी है।
और इस तरह एक और परिवार की खुशियाँ आने से पहले ही लचर स्वास्थ्य वयवस्था की भेंट चढ गई,
 आखिर कब तक यूँ ही पहाड़ जख्म सहते रहेंगे 
आखिर कब तक.. ? 
उधर जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा ने जिलाधिकारी टिहरी श्री मयूर दीक्षित जी से दूरभाष पर बात कर मामले की गंभीरता को समझते हुए उक्त प्रकरण की मजिस्ट्रियल जांच करने का अनुरोध किया साथ ही  वीडियोग्राफी के साथ तीन सदस्यीय डॉक्टरों की कमेटी से पोस्टमार्टम करनी की मांग की जिससे उक्त प्रकरण की सच्चाई सबके सामने आ सके और दोषियों को दंडित किया जा सके।
उन्होंने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे जनपद में मात्र दो महिला चिकित्सक है और प्रताप नगर क्षेत्र में किसी भी अस्पताल में गायनोलॉजिस्ट नहीं है सरकार स्वास्थ्य विभाग को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है लेकिन जिला अस्पताल हो या सीएससी, पीएससी ,एडिशनल पीएससी हो सभी रेफर केंद्र बनकर रह गए हैं।

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