गजब : सरकारी अधिकारी ही बने भू माफिया, बेच दी सरकारी भुमि, एसडीएम सहित 28 पर मुकदमा
हरिद्वार के ज्वालापुर में भारत सरकार की सरकारी संपत्ति खुर्द-बुर्द करने का बड़ा मामला सामने आया है। विजिलेंस ने मामले में 10 सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों समेत 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मामले में हरिद्वार के तत्कालीन एसडीएम हरबीर सिंह भी आरोपी बनाए गए हैं। ज्वालापुर में काफी बड़े क्षेत्रफल में सरकारी संपत्ति मौजूद है। लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में कुछ अफसरों और कर्मचारियों ने निजी लोगों के साथ मिलकर इनकी रजिस्ट्री करवानी शुरू कर दी। इस तरह वहां बड़े पैमाने पर सरकारी भुमि बेची गईं।
शिकायत पर विजिलेंस ने जांच शुरू की। पता चला कि मौके पर वाकई में सरकारी भुमि को खुर्द-बुर्द कर निजी लोगों को बेचा गया, जिसमें सरकारी अधिकारियों की भी भूमिका सामने आई। लोक सेवकों, अधिवक्ताओं और भू-माफिया ने सांठ-गांठ कर भारत सरकार की भूमि को खुर्द-बुर्द कर कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से बेचा। एसपी विजिलेंस देहरादून सेक्टर रेनू लोहनी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत थाना सतर्कता सेक्टर देहरादून में मुकदमा दर्ज किया गया है।
चार अधिवक्ता भी शामिल
मामले में चार अधिवक्ता पहल सिंह वर्मा, सज्जाद, मोहन लाल शर्मा, यशपाल सिंह चौहान, राजकुमार उपाध्याय भी आरोपी बनाए गए हैं। इसके अलावा रियाज अहमद, शरीफ अहमद, शौकत उर्फ चीचू, वाहिदा, सलीम, जुलेखा, कारी मुस्तफा, कोमल, विनोद मलिक, रेशमा, प्यारेलाल, सफदर अली, संजीदा के नाम शामिल हैं, जिनमें भूमाफिया भी शामिल हैं।
रजिस्ट्री अफसर समेत 10 लोक सेवक भी फंसे
तत्कालीन एसडीएम हरबीर सिंह, तत्कालीन कानूनगो श्रवण कुमार, चार तत्कालीन लेखपाल अनिल कुमार काम्बोज, नीरज तोमर, बिजेन्द्र गिरी व बिजेन्द्र कश्यप, तत्कालीन शासकीय अधिवक्ता सुखपाल सिंह, हरिद्वार के तीन तत्कालीन उपनिबंधक एसबी शर्मा, हरिकृष्ण शुक्ला,मायाराम जोशी आरोपी बनाए गए हैं।
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