शिक्षा विभाग के नए नियमों के चलते प्रदेश भर में हजारों बच्चों को कक्षा एक में दाखिला नहीं मिल पा रहा है। शिक्षा विभाग ने कक्षा एक में दाखिले की समय सीमा पांच वर्ष से बढ़ाकर छह वर्ष कर दी है। इस कारण निजी स्कूलों में यूकेजी में पढ़ने वाले हजारों बच्चों के कक्षा एक के प्रवेश पर तलवार लटकी है। उम्र सीमा में छूट नहीं दी गई तो बच्चों को यूकेजी की पढ़ाई दोबारा करनी होगी।
सरकारी और निजी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है हर वर्ष हजारों लाखों बच्चे प्रदेश भर में सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा एक में प्रवेश लेते हैं। इस बार यूकेजी की पढ़ाई पूरी कर चुके बच्चों को उम्र निर्धारित आयु सीमा से कम होने के कारण कक्षा एक में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी नए नियमों के मुताबिक प्री प्राइमरी कक्षाओं में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र 31 मार्च 2024 तक तीन वर्ष और कक्षा एक में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र छह वर्ष पूरी होनी अनिवार्य है। दो या तीन अप्रैल को भी यदि छात्र की आयु छह वर्ष पूरी हो रही है तो भी उसे कक्षा एक में दाखिला नहीं मिल सकेगा। इस कारण सरकारी और निजी स्कूलों में यूकेजी की पढ़ाई पूरी कर चुके बच्चों को कक्षा एक में दाखिला नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में बच्चों को यूकेजी की पढ़ाई दोबारा करनी पडेगी। अभिभावकों के साथ ही शिक्षक संगठन और निजी स्कूल संचालक भी उम्र सीमा में शिथिलता बरतने की मांग कर रहे हैं।
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