राज्य सरकार ने भूमि की खरीद-फरोख्त की जांच और उसका ब्योरा जुटाने का दायरा बढ़ा दिया है। अब चार जिलों से नहीं, सभी 13 जिलों से भूमि खरीद का ब्योरा तलब किया गया है।
कुमाऊं के दौरे से लौटने के बाद मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर अनिवार्य रूप से एक सप्ताह के भीतर राजस्व परिषद के माध्यम से ब्योरा देने के निर्देश दिए हैं। सीएस द्वारा जारी आदेश में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश, 2001) का उल्लेख किया गया है।
कहा, वर्ष 2007 में अधिनियम संशोधन के अनुसार, कोई भी व्यक्ति स्वयं या अपने परिवार के लिए घर बनाने के लिए बिना किसी अनुमति के अपने जीवनकाल में अधिकतम 250 वर्ग मीटर भूमि खरीद सकता है, लेकिन सरकार के संज्ञान में आया है कि एक ही परिवार के सदस्यों ने अलग-अलग भूमि खरीद करके अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है
सरकार को यह भी पता चला है कि जिन लोगों ने विभिन्न प्रायोजनों के लिए भूमि खरीदी, लेकिन उस प्रायोजन के लिए उसका उपयोग नहीं किया। सरकार से अनुमति लेने के बाद उसी प्रायोजन से भूमि का उपयोग न करने के संबंध में सीएस ने पूरा विवरण सात दिन में अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने को कहा है।
आदेश में कहा, वर्ष 2018 और 2020 में संशोधन अधिनियम के तहत राज्य में विशेष प्रायोजन के नाम पर 12.5 एकड़ से अधिक की भूमि खरीदी गई, लेकिन सरकार के संज्ञान में आया है कि जिन लोगों ने 12.50 एकड़ की सीमा से अधिक भूमि खरीदी उसका उस प्रायोजन से उपयोग नहीं हुआ।
मुख्य सचिव ने सीलिंग से अधिक भूमि खरीद की अनुमति व उसके प्रायोजन के संबंध में भी जानकारी मांगी है। आदेश के साथ दो अलग-अलग प्रारूप भी भेजे गए हैं, जिनमें भूमि, क्षेत्र, भूमि खरीदने वाले के बारे में सूचना भेजने को कहा गया है। आदेश में राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव, गढ़वाल और कुमाऊं मंडलायुक्तों और सभी डीएम को भेजा गया है।
मुख्यमंत्री धामी सख्त, दिए थे आदेश
दूसरे राज्यों से उत्तराखंड में बसे नागरिकों को सरकार ने राज्य में घर बनाने के लिए 250 वर्ग मीटर भूमि खरीदने की छूट दे रखी है। इसके लिए किसी भी व्यक्ति को सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में आया था कि एक ही परिवार के लोगों ने अलग-अलग नाम से भूमि खरीद कर एक्ट का उल्लंघन किया। सीएम ने इस संबंध में सचिव राजस्व को पौड़ी, टिहरी, नैनीताल और अल्मोड़ा जिलों में भूमि की खरीद-फरोख्त की जांच के निर्देश दिए थे। अब मुख्य सचिव ने सभी जिलों से ही रिपोर्ट मांग ली है
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